सँस्कृत में क्षुत/क्षुतं भी- (क्षु+क्त्त) यहाँ क्षुत स्त्रीलिंग है जबकि क्षुतं नपुंसकलिंग। अर्थ है – छींक, छींकने वाली।
यह छत्तीसगढ़ी में “छुत” परना के रुप में प्रयुक्त होता है।
कोई व्यक्ति यदि किसी काम से बाहर जा रहा हो और कोई छींक दे तो लोग कहते हैं- “छुत परगे रे! सब काम नठागे।