उलरगे

वजन का एक ओर झुक जाना। रस्सी की बटाई खुलना।
किसान जब गाड़ी में अनाज को बांधकर लाते हैं तो रस्सी ढीली हो जाने के कारण अनाज का कुछ हिस्सा एक तरफ झुक जाता है, और वह लटककर गिरने लगता है, छत्तीसगढ़ी में इस गिरने या झुकने को भसक जाना भी कहते हैं। इसे उलार होगे /उलरगे भी कहते हैं। उलार शब्द उर्दू का है। वजन का एक ओर झुक जाना। रस्सी की बटाई खुलना।
किसान जब गाड़ी में अनाज को बांधकर लाते हैं तो रस्सी ढीली हो जाने के कारण अनाज का कुछ हिस्सा एक तरफ झुक जाता है, और वह लटककर गिरने लगता है, छत्तीसगढ़ी में इस गिरने या झुकने को भसक जाना भी कहते हैं। इसे उलार होगे /उलरगे भी कहते हैं। उलार शब्द उर्दू का है।

Published by Sanjeev Tiwari

ठेठ छत्तीसगढ़िया, पेशे से वकील, दिल से पत्रकार। छत्तीसगढ़ी भाषा की पहली वेब मैग्‍जीन और न्‍यूज पोर्टल का संपादक। छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति व साहित्य को बूझने के लिए निरंतर प्रयासरत. ..

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