छुत परना

सँस्कृत में क्षुत/क्षुतं भी- (क्षु+क्त्त) यहाँ क्षुत स्त्रीलिंग है जबकि क्षुतं नपुंसकलिंग। अर्थ है – छींक, छींकने वाली।
यह छत्तीसगढ़ी में “छुत” परना के रुप में प्रयुक्त होता है।

कोई व्यक्ति यदि किसी काम से बाहर जा रहा हो और कोई छींक दे तो लोग कहते हैं- “छुत परगे रे! सब काम नठागे।

Published by Sanjeev Tiwari

ठेठ छत्तीसगढ़िया, पेशे से वकील, दिल से पत्रकार। छत्तीसगढ़ी भाषा की पहली वेब मैग्‍जीन और न्‍यूज पोर्टल का संपादक। छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति व साहित्य को बूझने के लिए निरंतर प्रयासरत. ..

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