रौं भौं नइ होना

कुछ भी तैयार नहीं है। इन शब्दों की व्याख्या- संस्कृत में-रवः (हिन्दी में रव) का मतलब होता है आवाज़, ध्वनि, शब्द आदि। अब भवः/भव को देखिए यह भी सँस्कृत का ही शब्द है, अर्थ होता है-होना या होने की स्थिति। अवधी में कुछ ऐसा बोलते हैं- का भवा, रींवा तरफ भी यही बोलते हैं।कुछ भी …

चाल गोंटी

लकड़ी का बना हुआ खेल पात्र, इसमें चिचोला (ईमली का बीज) भरकर खेलते हैं। छत्तीसगढ़ के गाँवों में पहले विवाह के दहेज में इसको भी दिया जाता था। यह कलात्मक नक्‍काशी से सजा आकर्षण दिखता है। कहीं-कहीं यह पत्‍थर का भी होता है। Ghanshyam Sahu नें कहा कि हमर कोती ऎला कसाडी (kasadi) कैथे. Anil …