आगर

आगर सँस्कृत का मूल शब्द है इसका अर्थ होता है -अधिक। पूरी मात्रा में थोड़ा अधिक देना आगर कहलाता है। जैसे किसी चीज को आप नापकर देते हैं तो उसमें और अधिक वस्तु भरना। थोड़ा और अधिक नाप दिया जाये वह आगर कहलायेगा। सामान्यतः यह ठोस वस्तु के देने में प्रयुक्त होता है।

गरेठ

लोटा या अन्य पात्र के जिस स्थान को आप पकड़कर उठाते हैं वह स्थान “गला” या अंग्रेजी में neck कहलाता है। छत्तीसगढ़ी में इस neck या गला स्थान को “गर” कहते हैं। इसी गर से बना है “गरेठ”। लोटा या किसी बर्तन के गले तक भर कर दिया गया पदार्थ “गरेठ” कहलाता है। यह भी …

खरखसवा

संस्कृत के कर्कश (कर्क+श) शब्द का अर्थ हिंदी में कठोर, कड़ा, प्रचंड, प्रबल होता है। छत्तीसगढ़ी में इस कर्कश शब्द से बना है- खरखस/खरखसवा। यह अधिक बल दिखाने वालों के लिए व्यंग्य में प्रयुक्त होता है। खरखस बरोबर पथरा ल /फटफटी ल उठात रहे, अब का होगे? भारी खरखसवा बरोबर उठाये आए रहे, सब सटक …

खर्रा

संस्कृत के कर्कश (कर्क+श) शब्द का अर्थ हिंदी में कठोर, कड़ा, प्रचंड, प्रबल होता है। छत्तीसगढ़ी में इस कर्कश शब्द से बना है- खरखस/खरखसवा। यह अधिक बल दिखाने वालों के लिए व्यंग्य में प्रयुक्त होता है। खरखस बरोबर पथरा ल /फटफटी ल उठात रहे, अब का होगे? भारी खरखसवा बरोबर उठाये आए रहे, सब सटक …

खर्रोगहा

संस्कृत के कर्कश (कर्क+श) शब्द का अर्थ हिंदी में कठोर, कड़ा, प्रचंड, प्रबल होता है। छत्तीसगढ़ी में इस कर्कश शब्द से बना है- खरखस/खरखसवा। यह अधिक बल दिखाने वालों के लिए व्यंग्य में प्रयुक्त होता है। खरखस बरोबर पथरा ल /फटफटी ल उठात रहे, अब का होगे? भारी खरखसवा बरोबर उठाये आए रहे, सब सटक …

छपछप

गाँवों में बनि भूति नापने के लिए कुरो, लम्मर आदि होते हैं, इनमें यदि कुरो या लम्मर के बराबर वस्तु जाए तो वह “छपछप” कहलायेगा। टिप टिप कहने से द्रव का माप पता चलता है। छपछप का प्रयोग ठोस पदार्थ के नापने में होता है।

टिपटिप

यह द्रव पदार्थ को नापने के लिए प्रयुक्त होता है। टिप टिप कहने से द्रव का माप पता चलता है। जैसे- गिलास म पानी टिपटिप भरे हे। दूध हर टिप टिप भराये रहिस, छलक गे।

भरभर

यह किसी भी वस्तु की नाप बताता है। इसमें ठोस, द्रव दोनों शामिल रहते हैं। कोटना म भरभर पानी रहीस। कोठी के भरभर धान रहीस।